Ladki Bahin Yojana : "लड़की बहुत योजना" शब्द संभवतः "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के संदर्भ में प्रयोग किया गया है, जो भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। यह योजना समाज में लड़कियों की स्थिति सुधारने, लिंगानुपात में असंतुलन को दूर करने और बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
योजना की पृष्ठभूमि
भारत में ऐतिहासिक रूप से लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण रहा है। बेटी को बोझ मानने की मानसिकता, कन्या भ्रूण हत्या, लिंगानुपात में गिरावट और लड़कियों की शिक्षा व स्वास्थ्य में पिछड़ेपन जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से इस अभियान की शुरुआत की।
मुख्य उद्देश्य
1.लिंगानुपात में सुधार : देश में घटते बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष) में सुधार लाना।
2. लड़कियों की शिक्षा : बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उनकी स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करना।
3. सामाजिक जागरूकता : लड़कियों के प्रति सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाना और उनके जन्म का उत्सव मनाने की संस्कृति विकसित करना।
4. कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम : प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण और लिंग-चयनात्मक गर्भपात पर अंकुश लगाना।
योजना के प्रमुख घटक
- सुकन्या समृद्धि योजना : इस योजना के तहत लड़कियों के लिए बचत खाता खोला जाता है, जिसमें अभिभावक नियमित जमा कर सकते हैं। इस खाते पर ब्याज की दर आकर्षक है और कर लाभ भी प्राप्त होता है।
- शैक्षिक अवसर : लड़कियों की शिक्षा के लिए विशेष छात्रवृत्ति और सुविधाएं।
- स्वास्थ्य सुविधाएं : बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण पर जोर।
- कानूनी प्रावधान : लिंग चयनात्मक गर्भपात रोकने के लिए कड़े कानूनों का क्रियान्वयन।
प्रगति और प्रभाव
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कई राज्यों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आया है और लड़कियों की शिक्षा दर में वृद्धि हुई है। सरकार ने इस योजना को देश के 100 से अधिक जिलों में लागू किया है, जहाँ लिंगानुपात चिंताजनक स्थिति में था।
चुनौतियाँ और भविष्य की राह
अभी भी कई क्षेत्रों में सामाजिक मानसिकता में बदलाव एक बड़ी चुनौती है। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में योजना का लाभ पहुँचाने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है। भविष्य में इस योजना के दायरे को और व्यापक बनाने, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जागरूकता फैलाने और स्थानीय समुदायों को अधिक जोड़ने की आवश्यकता है।
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निष्कर्ष
लड़की बहुत योजना (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) न केवल एक सरकारी कार्यक्रम है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन है जिसका उद्देश्य देश में लैंगिक समानता की नींव रखना है। जब तक हम बेटियों को समान अधिकार और अवसर नहीं देंगे, तब तक देश का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। यह योजना एक सशक्त भविष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ हर बेटी सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त हो सके।
